Last Updated on 20 September 2024 by Abhishek Gupta
लोक अदालत बैंक लोन सेटलमेंट कैसे करता है अगर आप पता करना चाहते हैं, तो आप बिल्कुल सही जगह पर आप है। Lok Adalat Bank Loan Settlement के बारे में आज जानकारी दी जाएगी।
देखिए अगर आप बैंक से लोन ले चुके हैं और फिर आप लोन चुकता करने में असमर्थ होते हैं, तो ऐसे में बहुत लोग बड़े-बड़े कदम उठा लेते हैं।
लेकिन आज आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि, अगर आप लोन चुकता करने में सक्षम नहीं हैं, तब फिर कैसे आप अपने लोन से छुटकारा पा सकते हैं।
आपको यहां पर लग रहा होगा कि, ऐसा कैसे संभव है। लेकिन अब यह पूरी तरीके से संभव है।
इसके लिए आपको सिर्फ एक काम करना है। वह यह कि, आपको यह आर्टिकल लास्ट तक पढ़ना है।
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लोक अदालत में लोन सेटलमेंट कैसे होता है?
हम यहां पर लोन सेटेलमेंट क्या होता है, बैंक और Lok Adalat किस प्रकार से लोन समझौते को तय करते हैं, के बारे में आपको विस्तार से बताएंगे। चलिए अब बिना किसी देरी के शुरू करते हैं।
लोन सेटलमेंट क्या होता है? वन टाइम सेटलमेंट क्या होता है?
लोन स्टेटमेंट की स्थिति तब आती है, जब कोई व्यक्ति लोन चुकता नहीं कर पता है। दूसरे शब्दों में कहें, तो वह लोन चुकता करने में असमर्थ रहते हैं।
ऐसे में जब कोई लोन चुकता नहीं कर पाते हैं, तो उन्हें बैंक लोन स्टेटमेंट ऑफर करता है। इस केस में व्यक्ति को प्रिंसिपल अमाउंट देना होता है।
प्रिंसिपल अमाउंट देने के बाद फिर इंटरेस्ट रेट के साथ-साथ अन्य प्रकार के चार्ज को बैंक के द्वारा माफ कर दिया जाता है। लोन सेटेलमेंट को अक्सर One Time Settlement भी कहा जाता है।
ऐसा इसीलिए क्योंकि इसमें आपको एक ही बार में लोन अमाउंट देना होता है। ऐसा नहीं है कि, हर कोई लोन सेटेलमेंट करवा सकता है।
लोन सेटेलमेंट करवाने के लिए बैंक को कारण देना होता है और जब बैंक यह प्रक्रिया शुरू करती है, तब इसमें आपके और बैंक द्वारा समझौते का पैसा तय किया जाता है।
लोक अदालत बैंक लोन स्टेटमेंट क्या है?
देखिए कभी-कभी हमें लोन सेटलमेंट यानी कि समझौते के लिए लोक अदालत की भी हेल्प लेनी पड़ जाती है। कहने का मतलब यह है कि, लोक अदालत से भी आप अपने लोन का समझौता कर सकते हैं।
जब आप लोकतंत्र से अपना लोन का सेटलमेंट करते हैं, तब फिर आप बैंक से किसी कभी भी प्रकार का लोन नहीं ले पाएंगे। आपका लोन पूर्ण रूप से बंद हो जाता है।
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बैंक किस तरह से लोन का समझौता करता है? बैंक लोन सेटलमेंट प्रोसेस
अब हम आपको बताएंगे कि, किस प्रकार से बैंक आपका लोन का सेटलमेंट करते हैं। जैसा कि ऊपर आपको बताया गया, लोन settlement होने के बाद आपको सिर्फ जितना अमाउंट आपने लोन कर लिया होता है, वही अमाउंट आपको यहां पर चुकाना होता है।
इसे principle amount कहा जाता है और इसमें फिर अंदर चार्ज आपके माफ कर दिए जाते हैं। लोन सेटेलमेंट के लिए सबसे पहले जिस बैंक से अपने लोन लिया है, उस बैंक में आपको जाना होगा।
वहां पर आपको मैनेजर से बात करनी होगी। मैनेजर को आपको लोन स्टेटमेंट करने का कारण बताना होगा।
अब जब बैंक को लगता है कि, आपका कारण वैलिड है, तब फिर आपको आपके लोन सेटेलमेंट की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। फिर आपकी सहमति के अनुसार लोन का सेटलमेंट हो जाता है।
फिर आप लोन राशि भर, लोन से छुटकारा पा सकते हैं। हालांकि इसमें आपकी आर्थिक स्थिति को भी मध्य नजर रखा जाता है।
लोक अदालत में बैंक लोन स्टेटमेंट किस प्रकार से होता है? लोन सेटलमेंट कैसे करें
देखिए जब आपका और बैंक के बीच लोन का सेटलमेंट नहीं हो पता है, तब आपको Lok Adalat की हेल्प लेनी पड़ जाती है।
ऐसा तभी होता है, जब समझौते का रकम बहुत बड़े अमाउंट में तय किया जाता है। कहने का मतलब कि, आपसे बैंक बहुत बड़ी रकम लोन सेटलमेंट के दौरान मांगते हैं।
जब आपके पास इतने पैसे नहीं है और आप बैंक से परेशान होते हैं, तब आप Lok Adalat जा सकते हैं। जब आप लोक अदालत में लोन सेटेलमेंट करवाने जाएंगे, तो कुछ ही घंटे में यह मुकदमा पूरा हो जाता है।
यहां पर फायदा यह होता है कि, आपको ना तो वकील को पैसे देने पड़ते हैं और नहीं आपको कोर्ट की फीस यहां पर देनी पड़ेगी।
यहां पर भी आपकी आर्थिक स्थिति के आधार पर ही सहमति यही समझौता होता है। जब लोन स्टेटमेंट की प्रक्रिया Lok Adalat होती है, तब जो भी loan amount आपने बैंक से लिया होता है, वही अमाउंट आपको बैंक में पे करना होता है।
अगर एक बार अदालत के लोन सेटेलमेंट की प्रक्रिया को पूरा कर लेती है, तब फिर बैंक इसमें कुछ नहीं कर सकते हैं। दूसरे शब्दों में, जब एक बार अदालत फैसला सुना देती है, तब फिर बैंक इस फैसले का विरोध नहीं कर सकते हैं।
लोन के सेटल होने के बाद क्या होता है?
जब बैंक या Lok Adalat आपका लोन सेटल कर लेता है, तब फिर आपका लोन पूरी तरीके से बंद कर दिया जाता है।
फिर आपके सिविल क्रेडिट रिपोर्ट पर 7 सालों तक settled loan का टैग भी इसे लग जाएगा और फिर आप का क्रेडिट स्कोर भी इससे खराब हो जाएगा।
लोक अदालत पर लोन सेटेलमेंट के क्या फायदे होते हैं?
चलिए अब हम आपको बताएंगे कि, जब आप लोग अदालत से लोन का सेटलमेंट करवाते हैं, तब आपको क्या फायदे होते हैं।
इसमें हम उधारकर्ता के लिए भी फायदों के बारे में बात करेंगे, तो जहां से आप लोन लेते हैं, उनको इससे क्या फायदा होता है, इस बारे में भी आपको बताएंगे।
लोग अदालत से लोन सेटेलमेंट करने पर उधारकर्ता को क्या फायदा होता है?
सबसे पहले हम अपने अगर बैंक से लोन लिया है और आप लोन चुकता करने में असमर्थ हैं, फिर आप Lok Adalat से बैंक लोन सेटलमेंट करवाते हैं, तब आपको क्या फायदे होते हैं बताएंगे।
इसमें आपको जब आप कोर्ट जाते हैं, तब आपको वहां पर कोर्ट की फीस नहीं देनी होती है आपको वकील को भी कोई पैसे नहीं देने होते हैं।
कुछ ही समय में आपका फैसला यहां पर सुना दिया जाता है। जो मुख्य फायदा यहां पर होता है। वह यह कि, किसी भी पार्टी को यहां पर सजा नहीं सुनाई जाती है।
एक बार फैसला सुनाने पर कोई भी लोक अदालत के फैसले के विरुद्ध नहीं जा सकता है।
लैंडर्स को लोक अदालत द्वारा लोन समझौते पर क्या फायदा होता है?
अगर कोई लैंडर आपको लोन देता है और फिर आप लोन समझौता लोग अदालत से करवाते हैं,तब लेंडर को भी इसमें फायदा हो जाता है।
सबसे पहले तो इसमें लैंडर का बहुत समय बचता है और लोन से संबंधित जितने भी विवाद होते हैं, उनका जल्दी ही यहां पर निवारण कर दिया जाता है।
बहुत ही कम कानूनी खर्च यहां पर आता है। इसके अतिरिक्त लोन स्टेटमेंट लोक अदालत से करवाने के बाद उधारकर्ता के साथ लैंडर के रिश्तों में किसी भी प्रकार का फर्क नहीं पड़ता है।
कितना लोन अमाउंट तक हम लोक अदालत से बैंक लोन स्टेटमेंट कर सकते हैं?
देखिए आपको यहां पर लग रहा होगा कि, हम चाहे कितना भी अमाउंट बैंक से लोन ले, वह आप लोग अदालत जाकर सेटल कर सकते हैं। ऐसा नहीं है। इसमें आपको लगभग 30 लाख रुपए तक का अमाउंट को सेटल करने को मिल जाता है।
लोन सेटेलमेंट के क्या फायदे होते हैं?
अब हम आपको बताएंगे कि, जब आप लोन पेमेंट करवाते हैं, तब आपको इसके क्या फायदे होते हैं। आपको इसमें सिर्फ प्रिंसिपल अमाउंट ही जमा करना होता है।
अन्य प्रकार के चार्ज आपके माफ कर दिए जाते हैं। आपका लोन यहां पर पूरी तरीके से क्लोज भी कर दिया जाता है।
इसके अतिरिक्त आपको लोन सेटेलमेंट में ज्यादातर कम ही अमाउंट का भुगतान करना होता है, तो यह भी इसका फायदा रहता है। लोन सेटलमेंट के बाद बैंक आपको किसी भी प्रकार से परेशान भी नहीं करते हैं।
क्या लोन सेटेलमेंट के कुछ नुकसान में होते हैं?
लोक अदालत बैंक लोन सेटलमेंट आपको लोन सेटेलमेंट के जहां फायदे देखने को मिलते हैं, तो इसके कुछ नुकसान भी होते हैं। इसके मुख्य नुकसान क्या है, चलिए जानते हैं।
इसमें जैसा कि आपका लोन पूरी तरीके से क्लोज हो जाता है, तब फिर आप कभी भी लोन बैंक से नहीं ले पाते हैं।
लोन सेटेलमेंट से सिबिल स्कोर पर भी बहुत फर्क पड़ता है। सिविल स्कोर इससे खराब हो जाता है।
लोन स्टेटमेंट Loan closure की तरह नहीं होता है। आप 7 साल तक किसी भी बैंक या या अन्य संस्थान से लोन नहीं ले पाते हैं, यानी कि अगले 7 साल तक आपके cibil credit report पर सेटल्ड लोन का टैग लग जाता है।
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FAQ: लोक अदालत बैंक लोन सेटलमेंट से अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
इसके लिए आपको एक एप्लीकेशन पत्र लिखना होता है। यह आप अपने जिले के डीएम को लिखेंगे और फिर लोक अदालत पर खुलने पर आपको यह एप्लीकेशन डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट को दे देनी होती है।
इसे वन टाइम सेटलमेंट इसीलिए कहा जाता है। क्योंकि इसमें आपको सिर्फ एक बार ही पैसा देना होता है और जब एक बार अपना पैसा दे देते हैं, तब फिर आपका लोन बंद हो जाता है।
ऐसे लोग जिन्होंने लोन लिया है और लोन चुकता करने में असफल है, लोन सेटलमेंट के लिए अप्लाई कर सकते हैं।
जी हां, आप भी अगर लोन चुकता करने में असमर्थ रहते हैं, तब आप लोक अदालत इसके लिए जा सकते हैं।
सलाह
आज लोक अदालत बैंक लोन सेटलमेंट के बारे में आज आपको यहां पर जानकारी दी गई। इसमें आपको बताया गया कि, किस प्रकार से Lok Adalat आपका लोन का सेटलमेंट करती है और इसके क्या फायदे होते हैं। अपने दोस्तों के साथ इस आर्टिकल को शेयर करना ना भूलें। इसके अलावा इसी प्रकार की जानकारी प्राप्त करते रहने के लिए हमारे साथ बने रहें।