पर्सनल लोन ट्रांसफर एक बैंक से दूसरे में कैसे होता है?

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Last Updated on 10 November 2024 by Abhishek Gupta

पर्सनल लोन ट्रांसफर एक बैंक से दूसरे में कैसे होता है? अगर आप पता करना चाहते हैं, तो इस आर्टिकल में आपको Personal Loan Transfer Ek Bank Se Dusre Bank Me Kaise Hota Hai के बारे में बताया जाएगा। 

क्या आपने भी किसी बैंक से लोन लिया है और उस बैंक का इंटरेस्ट रेट अधिक है, या फिर आपको जरूरत है कि, आपको ज्यादा से ज्यादा अवधि के लिए लोन मिले, तो ऐसे में यह आर्टिकल आपके लिए बहुत ही महत्वपूर्ण रहने वाला है। 

हम आपको यहां पर बताएंगे, आप अगर चाहते हैं कि, कम इंटरेस्ट रेट आपका हो, लंबा टेन्योर हो, तो कैसे यह होता है। इसके लिए यह आर्टिकल आपको लास्ट तक पढ़ना होगा।

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2024 में पर्सनल लोन बैलेंस ट्रांसफर के बारे में सब कुछ जानें?

पर्सनल लोन ट्रांसफर एक बैंक से दूसरे में कैसे होता है

इस आर्टिकल में हम लोन बैलेंस ट्रांसफर क्या होता है, यह होता कैसे हैं, इसके क्या-क्या स्टेप्स होते हैं और इसके क्या फायदे होते हैं, बताएंगे। चलिए शुरू करते हैं।

पर्सनल लोन बैंक ट्रांसफर क्या होता है? 

सबसे पहले हम लोन बैलेंस ट्रांसफर के बारे में समझेंगे। यह एक ऐसी प्रक्रिया है, जब कस्टमर किसी पर्सनल लोन को एक बैंक से दूसरे बैंक में ट्रांसफर करता है। 

यह होता तब है, जब कोई दूसरा बैंक लोन अमाउंट के lower interest rate को बढ़ाता है। कहने का मतलब यह है कि, कर्ज का बोझ कम करने के लिए पर्सनल लोन बैंक ट्रांसफर किया जाता है। 

अब जब आप बैंक लोन ट्रांसफर करते हैं, तो इसके लिए आपको collateral की जरूरत नहीं पड़ती है। बस कुछ nominal charges आपको पर्सनल लोन बैलेंस ट्रांसफर के लिए देना होता है। इसमें आपको processing fee, foreclosure fee इत्यादि देनी होती है।

लोन ट्रांसफर करने से पहले किन चीजों का ध्यान रखना है? 

जब आप लोन ट्रांसफर करेंगे, तो ऐसे में आपको कुछ चीज का ध्यान रखना है। सबसे पहले तो आपको यह ensure करना है कि, आपको कौन-कौन सी फीस देनी पड़ सकती है। 

इसमें प्रोसेसिंग फीस, प्रीपेमेंट चार्ज इत्यादि शामिल रहता है। आपको अपने ईएमआई के लिए पर्सनल लोन बैलेंस ट्रांसफर का बेस्ट tenure सेलेक्ट करना है। 

नए lender के साथ आपको चेक करना है कि, वहां पर टॉप अप लोन की अवेलेबिलिटी है या नहीं।

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किस तरीके से बैलेंस ट्रांसफर कर सकते हैं? 

अब जानते हैं किस प्रकार से आप पर्सनल लोन बैलेंस ट्रांसफर कर सकते हैं। इसके लिए सबसे पहले आपको जिस बैंक में आप यह ट्रांसफर करना चाहते हैं, उस बैंक की ब्याज दर और आपकी लोन की मौजूदा ब्याज दर आपको कंपेयर करना है।

ऐसा इसलिए जिससे कि आपको पता लग सके कि, जिस बैंक में आप लोन बैलेंस ट्रांसफर करने जा रहे हैं, वहां पर कम इंटरेस्ट रेट आपको देना होगा। 

साथ ही आपको बैलेंस ट्रांसफर में जैसा कि ऊपर आपको बताया गया, कुछ चार्ज देने होते हैं। उन चार्ज के बारे में आपको पता कर लेना है। 

इसके साथ ही लोन ट्रांसफर के लिए आपको बैंक से NOC और फोरक्लोजर के लिए एप्लीकेशन लेने की आवश्यकता होती है। 

आप बैंक में जाकर इसके लिए एप्लीकेशन ला सकते हैं। आप इसके बाद रीपेमेंट के सभी डॉक्यूमेंट जमा करें। इस तरह से पिछले बैंक से अपना लोन अकाउंट आप बंद कर सकते हैं।

फिर दूसरे बैंक में डॉक्यूमेंट जमा कर आप फिर अगली EMI इस बैंक के साथ भर सकते हैं। इस तरीके से बैलेंस लोन ट्रांसफर होता है।

पर्सनल लोन बैलेंस ट्रांसफर के लिए स्टेप बाय स्टेप गाइड? 

चलिए अब स्टेप बाय स्टेप समझ लेते हैं, किस प्रकार से आप पर्सनल लोन बैंक ट्रांसफर को कंप्लीट कर सकते हैं। 

1. इंटरेस्ट रेट को कंपेयर करें

इसके लिए आपको लोन इंटरेस्ट रेट को कंपेयर करने हैं। अलग-अलग बैंक को द्वारा दिए जाने वाले ब्याज दर को आपको तुलना करनी होगी।

फिर आपको पर्सनल लोन की प्रोसेसिंग फीस तथा दूसरे चार्ज के साथ estimated cost को कैलकुलेट करना होगा। साथ ही जिस बैंक से अपने लोन लिया है, वहां पर प्रीपेमेंट चार्ज इत्यादि भी आपको कैलकुलेट करना है।

2. Personal loan balance transfer करना है या नहीं, कर लें तय 

अब आपको पर्सनल लोन ट्रांसफर के दौरान होने वाले चार्ज को काट कर अपनी सेविंग्स को evaluate करना है और आपको डिसाइड करना है कि, क्या आप पर्सनल लोन बैंक बैलेंस ट्रांसफर करना चाहते हैं, या नहीं।

3. अब ऐसे करें नया लैंडर सिलेक्ट 

अब आपको नया लैंडर सेलेक्ट करना होगा। इसके लिए आपको interest rate, processing fee, payment restriction और disbursal time इत्यादि आपको सेलेक्ट करने हैं। 

फिर उस लैंडर के साथ आपको एप्लीकेशन प्रोसेस शुरू करनी होगी, रिक्वायर्ड डॉक्युमेंट्स आपको अटैच करने होंगे। 

4. अब आपको इन डॉक्यूमेंट की रिक्वायरमेंट पड़ेगी 

जब लोन बैलेंस ट्रांसफर एप्लीकेशन अप्रूव हो जाती है, तो आपसे नया लैंडर एडीशनल डॉक्युमेंट्स जैसे एनओसी सर्टिफिकेट की मांग करेगा। 

ये सर्टिफिकेट आपको आपका एक्जिस्टिंग बैंक देगा। जब आप ये डॉक्यूमेंट सबमिट कर लेते हैं, तो फिर बैलेंस ट्रांसफर अमाउंट आपको डिसबर्स कर दिया जाता है।

पर्सनल लोन बैलेंस ट्रांसफर कैसे काम करता है? 

चलिए अब जान लेते हैं कि, किस प्रकार से पर्सनल लोन बैलेंस ट्रांसफर काम करता है। यह शुरू होता है, जब आप किसी अन्य बैंक या अन्य बैंक से नए लोन के लिए अप्लाई कर रहे हैं। 

अब जब आपकी लोन रिक्वेस्ट अप्रूव हो जाती है, तो आपको नया बैंक पुराने बैंक के साथ चल रहे पर्सनल लोन को pay off करता है। 

फिर आपके लिए नया पर्सनल लोन sanction किया जाता है। अब आपको emi repayment बैंक में नए इंटरेस्ट रेट के साथ और नए लोन टेन्योर के साथ भरना होता है। 

अब हो सकता है कि, जिस बैंक में लोन ट्रांसफर आप करने जा रहे हैं,वह आपसे प्रोसेसिंग फीस आदि चार्ज लें, जिससे कि फिर दूसरी पर्सनल लोन एप्लीकेशन की प्रोसेसिंग शुरू हो पाए। 

अब एक्जिस्टिंग बैंक के loan tenure के कंप्लीट होने से पहले आपको पर्सनल लोन अकाउंट को foreclose करना होता है, तो ऐसे में आपको प्रीपेमेंट या फोरक्लोजर चार्ज भी देने पड़ सकते हैं।

बैलेंस लोन ट्रांसफर करने के क्या फायदे होते हैं? 

चलिए अब जान लेते हैं कि, जब आप पर्सनल लोन बैलेंस ट्रांसफर करते हैं, तो इससे आपको क्या-क्या फायदे देखने को मिलते हैं। 

1. लोन का duration बढ़ जाता है 

जब आप एक में किसी दूसरे बैंक में लोन का ट्रांसफर करते हैं, तो ऐसे में पर्सनल लोन का existing tenure नेगोशिएट कर दिया जाता है। 

हो सकता है कि, जिस बैंक में अपने लोन ट्रांसफर किया है, वहां पर आपको extended tenure दिया जाए यानि की लोन की अवधि बढ़ जाए। 

2. रेट ऑफ इंटरेस्ट कम हो सकता है 

इसमें यह भी हो सकता है कि, लोन का ब्याज कम हो जाए। ऐसे में आपके ऊपर से कर्ज का बोझ थोड़ा कम होगा। 

3. लोन फैसिलिटी में इंक्रीमेंट हो जाती है

कुछ बैंक पर्सनल लोन ट्रांसफर के साथ आपको टॉप अप फैसिलिटी भी ऑफर करते हैं, जिसमें आपको कम से कम इंटरेस्ट रेट के साथ लोन मिलता है। 

यह फायदे भी होते हैं 

इसके अतिरिक्त आपको दूसरे फायदे भी इसमें हो जाते हैं। इसमें आपको खुद से टेन्योर सेलेक्ट करने को मिल जाता है, साथ ही आपको colletaral की रिक्वायरमेंट नहीं होती है और फिर आप आसानी से लोन ट्रांसफर चुका सकते हैं। 

लोन ट्रांसफर से ब्याज और ईएमआई पर क्या फर्क पड़ता है? 

अब जब आप एक बैंक से दूसरे बैंक में पर्सनल लोन बैलेंस ट्रांसफर करते हैं, तो इसमें ब्याज और EMI पर बहुत फर्क पड़ता है। 

आपको हो सकता है कि, कम ब्याज दर के साथ फिर यह लोन मिले। इसके अलावा EMI की बात करें, तो EMI में आपको लोन की अवधि बढ़ाने को मिल जाता है। Emi का बोझ भी थोड़ा कम हो सकता है।

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FAQ: पर्सनल लोन ट्रांसफर एक बैंक से दूसरे में कैसे होता है से अक्सर पूछे जाने वाले सवाल 

लोन ट्रांसफर क्या होता है?

लोन ट्रांसफर का मतलब होता है कि, आप एक बैंक से दूसरे बैंक में अपने लोन बैलेंस को ट्रांसफर करना है, जिससे कि आपको कम से कम ब्याज दर के साथ लोन मिल पाए।

क्या लोन ट्रांसफर करने में खर्चा भी लगता है?

जी हां, लोन जब आप एक बैंक से दूसरे बैंक में ट्रांसफर करते हैं, तो कुछ चार्ज आपको इसके लिए देने हो सकते हैं, जिसमें प्रोसेसिंग फीस और प्रीपेमेंट फीस इत्यादि देनी पड़ सकती है।

लोन अकाउंट को एक बैंक से दूसरे बैंक में कैसे ट्रांसफर कर सकते हैं?

इसके लिए आपको जिस बैंक से अपने लोन लिया है, वहां से एनओसी सर्टिफिकेट देना होगा, कुछ चार्ज आपको पे करने होते हैं और इसके बाद फिर आप दूसरे बैंक में जाकर डॉक्यूमेंट एकत्र कर सकते हैं। इससे आप एक बैंक से दूसरे बैंक अकाउंट को ट्रांसफर कर सकते हैं।

क्या लोन बैलेंस ट्रांसफर करने के लिए सिक्योरिटी की रिक्वायरमेंट होती है?

जी नहीं, आपको इस प्रकार के लिए किसी भी प्रकार के colleteral या सिक्योरिटी की रिक्वायरमेंट नहीं होती है।

सलाह 

पर्सनल लोन ट्रांसफर एक बैंक से दूसरे में कैसे होता है के बारे में इस आर्टिकल में आपको बताया गया, जिसमें आपको जानकारी दी गई कि, अगर आप अपने पर्सनल लोन को एक बैंक से दूसरे बैंक में ट्रांसफर करना चाहते हैं, तो कैसे आप ही हो कर सकते हैं और इसके लिए आपको क्या-क्या चीज आपको ध्यान रखनी होगी। 

हमें उम्मीद है कि, आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा, तो इसी प्रकार के टिप्स और ट्रिक के लिए हमारे साथ बने रहे।